जब आप अपनी कैलोरियों पर ध्यान दे रही हों तो खानों की पैकेजिंग पर लिखी न्यूट्रिशनल जानकारी में लिखी कैलोरी के नंबर देख कर आप पूरा हिसाब रख सकती हैं।
पैक किए हुए ड्रिंक जैसे सॉफ्ट-ड्रिंक और जूस तो पैकेट पर उनमें मिले पदार्थों और कैलोरियों की जानकारी देते हैं लेकिन उनको मिक्स करके रैस्टौरेंट, घर या होटल में बनाए ड्रिंक्स की कैलोरी का हिसाब रखना मुश्किल होता है।
मार्केट में कई अच्छे ड्रिंक मौजूद हैं जैसे, ब्रेकफ़ास्ट ड्रिंक्स, लंच लिबेशन्स या आफ्टर-वर्क कॉक्टेल्स। ड्रिंक में बदलाव करके आप रोज सैंकड़ों अनचाही कैलोरियाँ लेने से बच सकती हैं।
सुबह की कॉफी
कई लोगों को बड़ी-बड़ी कॉफी चेन रैस्टौरेटों में “कॉफी” के नाम पर बिकने वाले शक्कर से भरे ड्रिंक्स की आदत पड़ जाती है। इनमें कॉफी जरूर होती है लेकिन वो इनका मुख्य पदार्थ नहीं होता, और कॉफी के नाम में जितने विशेषण होते हैं उनमें उतनी ही ज़्यादा कैलोरियाँ हो सकती हैं। ‘क्रीमी मोका लाते फ़्रापे’ की जगह अपने दिन की शुरुआत फ्रेश बनी हुई ब्लैक कॉफी से करें। अलग-अलग तरह की कॉफी-बीन्स ट्राय करें और दुनिया भर के अलग-अलग देशों की अलग-अलग कॉफी के नैचुरल फ्लेवर का आनंद लें।
अपने लंच ड्रिंक्स को कम करें
आइस कॉफी या टी के लिए भी ऐसा ही करें – इन ड्रिंक्स के फ्लेवर को क्रीम और मीठे एडिटिव्स से छिपाने के बजाए इनके मेन फ्लेवर को ही उठकर आने दें। गैस वाले ड्रिंक्स पसंद करने वाले लोग मीठे ड्रिंक्स की जगह पानी में थोड़ा ताजे नींबू का रस डाल सकते हैं या फिर ताजे फल या बेरी का एक टुकड़ा डालकर टेस्ट अच्छा किया जा सकता है।
आरामदेह कॉक्टेल्स
जब आप शाम को कॉक्टेल के साथ रिलैक्स करती हैं तब कैलोरी गिनना भूल जाती हैं। आखिर आपको पूरा दिन काम करने के बाद थोड़ा फ्रेश होने की भी जरूरत भी होती है। आप चाहे जो भी ड्रिंक लें, हर डिंक का एक कम कैलोरी का ऑप्शन भी होता है जिसका टेस्ट भी समान होता है। अलग-अलग तरह के ड्रिंक कॉम्बिनेशन आजमा कर देखें और आपको ऐसा कम कैलोरी वाला ऑप्शन जरूर मिल जाएगा जिसे पीने के बाद ग्लानि नहीं होगी और उतने पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ेंगे।